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नफ़रतों-के-शहर
तेरे रास्तों का मुसाफ़िर
खराब है
कुछ लोग चाहते है
नये किस्म का नाटक
तेरी दोस्ती
उसके - खुदा - ने
इंतजार-के-लम्हे
शिकार हो गया
पेड़ की व्यथा
याद रहेंगे
बेसहारा का सहारा
Existence of God
शहर को रवाना हो गए
 ए-जिदंगी
आराम चाहिए
जिंदगी तु ही बता
खुदा को भुला दिया
मेरा आज
कमबख़्त राजनीति