नफ़रतों-के-शहर नफ़रतों के शहर में प्यार बेच आया मैं, बस इक तेरा घर न मिला सारा शहर घुम आया मैं,, छुपने-छुपाने का हुनर तुमसे…
तेरे रास्तों का मुसाफ़िर तेरे रास्तों का मुसाफ़िर तेरे रास्तों का मुसाफ़िर कभी होता था मैं फिर क्यूँ मंजिलों में सूल सा तुम्ह…
खराब है जिस दिन से तुम गए हो यहाँ के हालात खराब है,सबकी तबियत खराब है सुना है बेसहारों का सहारा बनते थे तुम फिर इस मामले म…
कुछ लोग चाहते है कुछ लोग चाहते हैं कि हम उनसे रूठ जाये उम्र भर के लिए ए-दीप अब ऐसे जालिम लोगों को भला ये कौन बतलाये कि हम…
नये किस्म का नाटक ★रै बिखरे पड़े है मोती ये आज फर्श प कुकर अर तेरे ये खुले बाल तेरे दिल का हाल बतावै सै तनै दर्द का सच में …
तेरी-दोस्ती ●तेरी दोस्ती को पाकर न जाने कितना बड़ा अवतार हो गया हूँ, ●अब सोचता रहता हूँ तेरे बारे में हर दम कभी अनपढ़ था म…
उसके खुदा ने उसके - खुदा - ने ●बेहद खामोश रहती है वो शायद उसने दुखों का समंदर देखा होगा, ●बात-बात पर आँखें छलका देती ह…
इंतजार के लम्हे इंतज़ार के लम्हे बडे खतरनाक होते है.. कुछ लोग उड जाते है यहां धुल बनकर और बहुत से लोग यही राख होते है.. इं…
◆ शिकार हो गया ◆ ★छोटी-छोटी कविताएं लिखकर वो कलमकार हो गया आजादी के बाद फिर एक आदमी जाती-धर्म का शिकार हो गया.. ★मनाता र…
पेड़ की व्यथा ★हाँ मैं एक पेड़ हूँ जिसकी शीतल छाया में बैठकर सबने बेहद आनंद लिया, मगर बदले में कुल्हाड़ी,गंडासी से मेरे पत्…
याद रहेंगे मेरे गीत तुम्हें याद रहेंगे मेरे संगीत तुम्हें याद रहेंगे इन बिचौलियों से नफरत क्या करना जिस दिन ये ना रहे उस …
https://youtu.be/x9hNw0BSFBg ★जे तु कवै माँ मैं आसमान का सितारा बणजूंगा किसे बेसहारा का सहारा बणजूंगा किश्मत का रोना मनै…
Existence of God ◆ए-खुदा मुझ पर बस इतनी सी इनायत कर कि तेरी रहमतों पर कभी निर्भर न रहूं जो भी करूँ खुद के लिए कम मेरे दे…
वो गाँव से निकलकर शहर को रवाना हो गए,, देखते ही देखते बहुत सी ग़जलों का अफसाना हो गए,, खुद को महफूज़ समझ कर बडा इतरात…
क्या-क्या रंग दिखाऐगी तू ए-जिंदगी, मुझे बता कभी बिछडने वालो को भी मिलाऐगी ए-जिंदगी, या फिर यूं ही एक-एक करके सबको दूर कर…
आराम चाहिए इन आँखों को अब आराम चाहिए जो बुझा दे सदियों से प्यासे इन लबों कि प्यास ऐसा एक जाम चाहिए.. लोग कहने लगे है बिना …
जिंदगी तु ही बता जिंदगी तु ही बता किस ओर जाना है या फिर यूं ही तुम्हें खाली रखना मेरा पैमाना है, जिंदगी तु ही बता किस ओर ज…
खुदा को भुला दिया बेपनाह मोहब्बत को भुला दिया उसने, एक राह चलते मुसाफ़िर को घर का पता बता दिया उसने, अब फिक्र ना रही उसे…
मुझे सिखने कि आदत है मगर वो नाराज है.. मुझे पढ़ने की आदत है मगर वो नाराज है.. मुझे लिखने की आदत है मगर वो नाराज…
कमबख़्त इस राजनीति ने सबको तोड रखा है डर के मारे किसी ने ओढ रखी है चादर तो किसी ने कंबल ओढ रखा है.. कमबख़्त इस र…
Hello dosto! Aaj hum aapke liye ek bahut hi special aur heartfelt poem lekar aaye hain…