जब-जब करता हूँ इबादत उसे पाने की, हर बार लोट आती है दुआ इस दीवाने कि.. खर्च हो रही सांसें धिरे-धिरे से, मगर उसे फिक्र कहा…
मुझे धक्का मार कर गिरा दो तुम चलो कोई बात नहीं,, मैं फिर से उठ जाऊंगा मुझे जीते-जी दफना दो तुम चलो कोई बात नहीं,, मैं फि…
तुम्हारी तस्वीर को देख कर रो लेते हैं, हम आज-कल खुली आँखों से भी सो लेते हैं, बड़ा बेताब रहते हैं तुम्हारी यादों को लेकर, क…
अब तो "दर्द" को भी "दर्द" होने लगा है, यारों तुम्हें क्या बताऊं, वो हमें "जिस्म" का भुखा ब…
कभी घुंघट मे रखा , कभी जलती आग मे न चाहते हुए भी जलने को बैठा दिया, कम से कम बताया तो होता कुसुर क्या था मेरा,,, न किसी …
जमीं पर रखा नहीं कदम अभी तक जिसनें जमीं पर , होने लगी हैं साजिश उसके लिए, जमीं पर,,, हैवानियत का दोर…
Hello dosto! Aaj hum aapke liye ek bahut hi special aur heartfelt poem lekar aaye hain…