मुझे सिखने कि आदत है
मगर वो नाराज है..
मुझे पढ़ने की आदत है
मगर वो नाराज है..
मुझे लिखने की आदत है
मगर वो नाराज है..
मुझे चलने की आदत है
मगर वो नाराज है..
मुझे सोचने की आदत है
मगर वो नाराज है..
मुझे खो देने की आदत है
मगर वो नाराज है..
मुझे कुछ पा लेने की आदत है
मगर वो नाराज है..
मुझे मिलने की आदत है
मगर वो नाराज है..
मुझे हर काम को कल पर छोडऩे कि आदत है
मगर मेरा आज मुझसे नाराज है..!
~कुलदीप सभ्रवाल
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