बाबू एक टैग सूरज कि चमक त भी ज्यादा चमक, तेरे मेहनत के पसीने कि बूंद मै, और उस बूंद मै समाया स जग यो सारा, ऐ…
नफ़रतों-के-शहर नफ़रतों के शहर में प्यार बेच आया मैं, बस इक तेरा घर न मिला सारा शहर घुम …