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तेरी दोस्ती

तेरी-दोस्ती

तेरी-दोस्ती


●तेरी दोस्ती को पाकर 
न जाने कितना बड़ा अवतार हो गया हूँ,

●अब सोचता रहता हूँ तेरे बारे में हर दम 
कभी अनपढ़ था मैं 
जो अब एक ठीक-ठाक सा कलमकार हो गया हूँ,
तेरी दोस्ती को पाकर 
न जाने कितना बड़ा अवतार हो गया हूँ,


●हमें मालूम है तुम हमें भुलाने कि फिराक में रहते हो आज-कल,
शायद मैं तुम्हारी हँसती हुई दुनिया का गुनहगार हो गया हूँ,
तेरी दोस्ती को पाकर 
न जाने कितना बड़ा अवतार हो गया हूँ,


●भला पहले क्या कम थी परेशानियाँ तुम्हारे जीवन में यारा
जो अब मैं भी तुम्हारे रास्ते का कांटा यार हो गया हूँ,
तेरी दोस्ती को पाकर 
न जाने कितना बड़ा अवतार हो गया हूँ,

●आवेश मैं आकर कोई वायेदा मत करना मेरे प्यारे
हमें तुमसे उम्मीद बहुत है
इसलिए तुमसे आज-कल थोड़ा दूर हो गया हूँ...
तेरी दोस्ती को पाकर 
न जाने कितना बड़ा अवतार हो गया हूँ,

●फिक्र मत कर मेरे जैसे मन मौजी कि
तु खुद के बारे में सोच और सिर्फ सोच कर रोजी-रोटी कि,
इस दीप लोहारी का कुछ नहीं है जहान में
इसके साथ मैं भी अब एक टुटा हुआ ऐतबार हो गया हूँ..
तेरी दोस्ती को पाकर 
न जाने कितना बड़ा अवतार हो गया हूँ,


●दर्द बेहद सहे है तुने इस नादान सी उम्र में
और एक मैं हूँ जो तेरे एक और दर्द का हथियार हो गया हूँ..
तेरी दोस्ती को पाकर 
न जाने कितना बड़ा अवतार हो गया हूँ,

~कुलदीप सभ्रवाल◆◆◆

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