अब तो हर दिन खोया-खोया सा लगता है मुझे तो वो रब भी सोया-सोया सा लगता है.. खुब मजे लिए थे हमने प्रकृति के पेड़-प…
नफ़रतों-के-शहर नफ़रतों के शहर में प्यार बेच आया मैं, बस इक तेरा घर न मिला सारा शहर घुम …