मोहब्बत बदनाम होती जा रही है लिखी थी जो चिट्ठियां वो अब श्मशान होती जा रही है,, उनके लोट आने की इक कस्क थी मन में वो भी अब…
उनके होठों की लाली, और उपर से ये जुल्फें काली काली, कमाल है, कानों में गोल गोल बाली, गालो कि त्वचा जैसे गुलाब के रस की प्…
तेरी रूह मेरी रूह मे मिल जाए तो बात बने, हर शाम ख्वाबों में आते रहते हो, कभी रूबरू मिल जाओं तो बात बने, यूं बिना वजह इलजाम…
क्यो लिखु तेरे बारे मे कहीं मसहूर न हो जाऊं.... आज तेरी नजरो में, बेवफा हूँ में मुझे बेवफा ही रहने दो, अभी तो कसूरवार हूँ …
यूंं अपने पास बैठा कर इसारे से चाँद दिखाया ना करो, इन सर्द रातों में मेरे साथ उठ कर तुम आया ना करो, यूंं तो हर पल हर ल…
नफ़रतों-के-शहर नफ़रतों के शहर में प्यार बेच आया मैं, बस इक तेरा घर न मिला सारा शहर घुम …