मेरा दिल बडा ही कमजोर हो गया यारों, जब टुटा तो ये चुपचाप गुमसुम सा और इसमें बिल्कुल भी शोर नहीं था यारों, मेरा दिल बहोत क…
तेरी रूह मेरी रूह मे मिल जाए तो बात बने, हर शाम ख्वाबों में आते रहते हो, कभी रूबरू मिल जाओं तो बात बने, यूं बिना वजह इलजाम…
ओडण पहरण का ढंग न था, सोण खातर घर में पलंग न था, जिंदगी में कोये भी रंग न था, मेरे बापू न मेहनत ईतणी करी, अराम-अराम त हर च…
नफ़रतों-के-शहर नफ़रतों के शहर में प्यार बेच आया मैं, बस इक तेरा घर न मिला सारा शहर घुम …