मेरी रूह अब उनकी रूह को चाहने लगी है, कैसे कहेगा ये जमाना जिस्मानी प्यार है मेरा, अगर लगती है चोट उनको, तो आँख ये मेरी दर्…
नफ़रतों-के-शहर नफ़रतों के शहर में प्यार बेच आया मैं, बस इक तेरा घर न मिला सारा शहर घुम …