यूंं अपने पास बैठा कर
इसारे से चाँद दिखाया ना करो,
इन सर्द रातों में मेरे साथ उठ कर
तुम आया ना करो,
यूंं तो हर पल हर लम्हा तुम रहते हो अंग-संग मेरे,
अकेला हो जाता हूँ
तुम्हारे बिना
इस तरह दिन के उजाले में
मुझे छोड़ कर तुम जाया ना करों,
दुनिया वालो से हमें क्या लेना
आप परछाई हो मेरी
कोई गर्लफ्रैंड नहीं
इस तरह किसी से तुम घबराया ना करो....
~कुलदीप सभ्रवाल
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