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जिस्म

 अब तो "दर्द" को भी "दर्द" होने लगा है,

यारों 

तुम्हें क्या बताऊं,

वो हमें "जिस्म" का भुखा बोलकर,

खुद किसी और कि "बाहों" में

"सोने" लगा है, 

यारों

तुम्हें क्या बताऊं,,


~कुलदीप सभ्रवाल

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