पल-पल जल आज और कल
◆आज हम आपको हमारे इस ब्लॉग में जल के बारे मे भविष्य को लेकर जो समस्या होने वाली है या फिर जिन समस्याओं को लेकर हम इस दौर में झुंझ रहे है, उनके बारे में थोड़ा सा सचेत करना चाहेंगे,
●भूगोल में जल विस्तार____
जहाँ तक हमने किताबों से पढ़ा है हमारी पृथ्वी के लगभग 72% भाग पर जल है, और लगभग 28% भाग पर पर्वत,पहाड़,पठार तथा मैदान है,तो इस प्रकार कुदरत ने इस सुंदर से नीले गृह(पृथ्वी)कि रचना की हैं!
यूं तो इस पृथ्वी पर बेहद सारा जल देखने को मिलता है परन्तु पीने के लिए उतना ही कम मात्रा में है!
●पृथ्वी पर पीने योग्य पानी____
हमारी इस प्यारी धरती पर लगभग 1.5% पानी ही पीने योग्य बताया जा रहा है जो हमारे लिए एक चिंता का विषय बनता जा रहा है,और अगर यूं ही हम इसे नासमझी में बरबाद करते रहे तो बहुत जल्द ये लेवल भी नीचे जाता दिखाई देगा,
●व्यर्थ पानी बरबादी____
पानी की बरबादी.? यह एक बेहद ही उलझन भरा सवाल ही नहीं बल्कि एक विश्व व्यापी मुद्दा है,
पानी की बरबादी को लेकर के हम बात करें तो सुबह से शाम तक हर जगह कोई न कोई कहीं न कहीं पानी को बरबाद करने में लगा ही रहता है,
◆जैसे.. (1) नहाने में ज्यादा पानी साबुन,शैम्पू लगाकर घण्टों तक उडेलते रहना,और अपने पशुओं को भी नहलाते समय अधिक पानी बरबाद करते रहना,
(2) ब्रश करते समय (3) कपड़ें धोते वक्त
(4) बस,ट्रक,मोटरसाइकिल तथा छोटी-छोटी गाडियों को धोने में व्यर्थ पानी जाया करना,
(5) खेतों में अधिक सिचाई करते समय
(6) ज्यादा तर बड़े-बड़े उधोगों में
(7) नदी,नहरों में कचरा डाल कर पानी को अशुद्ध करना,
◆अन्य बहुत सारी जगह पानी बरबाद किया जाता है,
(मकानों को बनाने में तराई करते समय,सड़कें बनाते समय रेत को जमाने में,होली जैसे त्योहार मनाते वक्त)
●पानी कैसे बचाये___
वैसे तो पानी को बचाने के लिए हमारे देश की सरकार,प्रदेश की सरकार भिन्न-भिन्न प्रकार कि जल बचाने की योजनाओं को चला कर पानी को बचाने के भरपूर प्रयास किये जा रही है, और देश में जगह-जगह पर जो देश के जारूक लोग हैं उनके द्वारा भी अपने-अपने हिसाब से पानी को बचाने के अथक प्रयास किये जा रहे है,
पानी को बचाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण तौर तरीके जिन्हें हम अपने आम जीवन में अपना कर जल को काफी हद तक बचाने में कामयाब हो सकते हैं...
★जैसे..
(1) कपडों को धोते समय जो पानी हम मशीन में डिटर्जेंट डालते समय प्रयोग में लेते है उसे उडेलने कि बजाये आगे के लिए बचा कर रखें ताकि फिर से उसमें कपडे धो सकें,इस पानी से हम मोटर वाहन आदि भी धो सकते हैं और घर में औरतें पोच्छा भी लगा सकती है तथा इससे हमारे डिटर्जेंट कि भी काफी हद तक बचत होगी,
(2) खेतों में ऐसी फसलों को उगाना जो सिचाई करते समय कम पानी से भी अच्छी औसत कि पैदावार दे,
(3) जिस भी क्षेत्र में उधोग ज्यादा है उन्हें सरकार की तरफ से हर दिन,हर महीने,हर साल के हिसाब से पानी को प्रयोग करने की मात्रा सिमित हो,ताकि वो खुद बरबाद किये गए पानी को रिसाइकिल कर के प्रयोग में ला सके,
(4) सरकार कि जो जल को बचाने कि योजनाएं है उनसे ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोडा जाये और उन्हें इस क्षेत्र में अलग से रोजगार देकर के आम जनता को जागरूक करने के लिए हर गांव,शहर में भेजा जाये,
(5) ऐसे ऑटोमेटिक नल उपलब्ध कराये जो प्रति लीटर पानी का हिसाब रखें,
ताकि लोग पानी को घरों में दिनों के हिसाब से भर कर रख सकें,
(6) गाँव,शहरों में बारिश के पानी को इकट्ठा करके रखने के लिए अलग से तालाबों का निर्माण किया जाना चाहिए,
(7) सरकार जो नहरों के विकास में पैसा खर्च कर रही है उनका अच्छे से हर दिन जायजा किया जाये,
क्योंकि जिन भी ठेकेदारों को ये काम दिया जाता है वो सरकार का बहुत सारा पैसा हजम करके भी अच्छा सिमेंट,बजरी,ईंट नहीं लगाते जो पानी की एक बहुत बड़ी मात्रा में हानि करता है,
●पानी की बरबादी में लगभग हर व्यक्ति बराबर का जिम्मेवार है क्योंकि ये कुदरत की इंसान को अनमोल नियामत बख्शी हुई है जिसको बचाने में सब को सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा, नहीं तो पल-पल जल आज और कल होता चला जायेगा, जिसका परिणाम हर इंसान को समय के साथ भुगतना पडेगा,
जागरूकता है जरूरी हर व्यक्ति पर जल को बचाने की जिम्मेवारी है पूरी-पूरी!
नमस्कार दोस्तों मैं कुलदीप सभ्रवाल
मेरे ब्लॉग का नाम "सपनों की डायरी" जिसे आप सबके साथ की बेहद जरूरत है,
क्योंकि आप हमें अपना साथ दोगे तो हम आपके लिए अच्छे-अच्छे ब्लॉग लिख सकेगें,
लेखक.. ~कुलदीप सभ्रवाल
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