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गणा खास था

रै वो तो बदमाश था पर गणा खास था
हजार प्रोब्लम आई इस जिंदगी में
लेकिन हर प्रोब्लम का सोलुशन उसके पास था
रै के बताऊं यारों बदमाश था पर गणा खास था,,

दिल तै लाई अर दिल तै निभाया करदा
मानु हूँ मोहब्बत में कई बार टुटा है यो दिल
मगर वो तो इस टुटते दिल की आस था,,
रै के बताऊं यारों बदमाश था पर गणा खास था

सदा राखी चेहरे पै मुस्कान उसने
बना रखा था लोहारी राघो गाँव में नाम उसने
फैर किस बात तै वो आज इतना उदास था,,
रै के बताऊं यारों बदमाश था पर गणा  खास था

रै हर गली मोहल्ले मै मोनू-मोनू होया करदी
अर एक छोटी सी दुकान पै इतनी भीड़ रहा करदी 
बैरा नी इसा के उसके पास था,,
रै के बताऊं यारों बदमाश था पर बहोत गणा खास था


रै माँ-बाप कि इज्ज़त करया करदा
यार-दोस्त अर भाईयाँ पै जीते-जी मरा करदा
वो तो ऐकला ए पचास था,,
रै के बताऊं यारों बदमाश था पर गणा खास था

मन मै गणी बडी बात रही होगी
कदे किसे न हो जै टेन्शन इस लिए ना कही होगी
जिस कारण वो पागल इब चाँद के साथ था,,
रै के बताऊं यारों बदमाश था पर बहोत गणा  खास था

उसकी खबर मिलते ही दिल तो गणा टुटगा 
रै के बताऊं दीप तनै
आंखां का पानी भी अंदर ही अंदर सूख ग्या 
बस दिमाक इतना ज्यादा खराब था,,
इब के बताऊं यारों बदमाश था पर गणा खास था

हालातां तै लडनीया बंदा
माहरी फिलिगां त खेल ग्या
यार-यार करणीयां आज सबने ऐकला छोड़ ग्या
इसा के मन मैं पागल कै राज था,,
रै के बताऊं यारों बदमाश था पर बहोत गणा खास था

                                ~कुलदीप सभ्रवाल


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