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बाबू एक टैग

बाबू एक टैग 

सूरज कि चमक त भी ज्यादा चमक,

तेरे मेहनत के पसीने कि बूंद मै,

और उस बूंद मै समाया स जग यो सारा,

ऐसा है मेरा प्यारा बाबू,


दिल त या दुआँ स मेरी,

सारी उम्र बाबू की छत्र छाया में काटू,

ऐसा है मेरा प्यारा बापू,


दूनियां मैं मिल जावगे मकान तो बहोत गणै,

पर उन मकानों को घर बनाकर खुशियों त सजाण वाला एक माहौल स बाबू,


तपती दोपहरी मै ठण्डी-ठण्डी छांव स बाबू,

कडाके कि ठण्ड मै गर्म सोल स बाबू,


सदियाँँ त बंजर पडी जमीन कै खातर

सामण कि मिठ्ठी-मिठ्ठी बौछार स बाबू,


हिमालय पर्वत त भी ऊंचा एक तेरा नाम स बाबू,

कई सालां त भुखे खातर तु माँ के हाथाँँ का पकवान स बाबू,


बेटा-बेटी के लिए करवाचौथ स बाबू,

अर बिजी शेड्यूल मै हर हफ्ते आण वाला ऐतवार

स बाबू,


जहां सोचण समझण की शक्ति शून्य हो जाव,

ऐसी सिचुएशन मै आण वाला एक प्यारा सा विचार स बाबू,,


जिस मुश्किल टाइम में सब साथ छोड़ जाव उस टाइम साथ निभाण वाला वो यार स बाबू,

हर मुसिबत त निपटण मै दिलदार स बाबू,


अर ध्यान त सुणियो रये,

इण्डियन आर्मी कि टोपी पर लगने वाला सवाशेर स बाबू,

मेरे फौजी भाईयों का कदे हार न मानण वाला हथियार स बाबू,

अर दुश्मना के सिने मै कदे ना भरने वाला घाव स बाबू,


मनै डर ना स किसे आंधी, तूफान का,

बाबू तो इस धरती प साक्षात भगवान का 

रुप स बाबू,


सबते अलग तेरा सवैग स बाबू,

अपने आप मै बहोत बडा़ तेरा टैग स बापू,


दीप सैम लिखना जे चावअ पर लिख ना पावअ,

तेरी महानता कै किस्से सुनाण मै यो दीप सैम गंणा कमजोर स बाबू,

~कुलदीप सभ्रवाल


















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