इस देश की मिट्टी को गोर से देखना भी तो प्यार है,
जब इस मिट्टी का कुम्हार अपने हाथों से करता श्रृंगार है,
तब ये मिट्टी बन जाती घर परिवार है,
तुम बडे ही भोले हो दोस्तों,
एक किसान से जाकर पूछों इस मिट्टी के कितने चमत्कार है,
ये तो हम सबके आर-पार है,
ये मिट्टी तो यारों हर गरीब का हथियार है,
इस माँ समान मिट्टी के लिए तो बच्चा-बच्चा
मर मिटने को तैयार है,
इस मिट्टी में खेलने के लिए देखो भगवान भी कैसे लेता इंसान का अवतार है,
ये मिट्टी तो यारों खुद परवरदिगार है,,,
इस मिट्टी में खेलना कुदना और लडना झगडना ही
सबसे बड़ा उपहार है,,
ये मिट्टी नहीं है दोस्तों ये तो हम पर प्यार कि बौछार है,,
~कुलदीप सभ्रवाल
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