हिन्दी से सीखा
हमने कविता कहानियां और शेरों शायरी करना,
अपने अल्फाज़ों के जरिये,
लोगों के दिलों में उतरना,
किसी को अपना बनाना,
और किसी का बनकर चलना,
हमारी मातृभाषा हिन्दी से सीखा
हमने दिलों मे उतरना,
सचाई कि राह पर चलते हुए,
झूठे मनसूबों वाली ताकतों से लड़ना,
हाँ हमने हिन्दी से सीखा है,
अपने माँ और पापा को सुबह-सुबह राम-राम कह कर घर से निकलना
~कुलदीप सभ्रवाल
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