दोस्तों किसी के प्यार में टुट कर बिखर जाना
अगर मोहब्बत है,
तो फिर बिखरे हुए को समेटना क्या है,
किसी को फूल तोड कर देना ही मोहब्बत है,
तो फिर उस फूल कि इतने दिनों से सँभाल करना क्या है,
किसी का दिल तोड़कर सॉरी बोल देना ही मोहब्बत है,
तो फिर दोस्तों एक डॉक्टर के सॉरी बोल देने पर इतना तमाशा करना भी गुनाह है,
दोस्तों किसी को लेकर भाग जाना ही प्यार है,
तो फिर तुम्हारे माँ-बाप एक-दुसरे से जो करते हैं वो क्या है,
दोस्तों किसी के लिए मर जाना ही मोहब्बत है,
तो फिर शादी करके किसी दुसरे यहाँ चलने जाना क्या है,
दोस्तों किसी के लिए अपना हाथ काटना ही मोहब्बत है,
तो फिर देश के लिए अपना अंग-अंग कटवा देना क्या है,
दोस्तों किसी के नाराज हो जाने पर अपनों से रूठ जाना,
खाना न खाना ही अगर प्यार है,
तो फिर माँ का इतने प्यार से परेशान होकर खाना बनाना क्या है,
~कुलदीप सभ्रवाल
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