वो होकर कवि अपनी कविता से अनजान रहा,
वो महफिल होकर मुर्दों से भरा कब्रिस्तान रहा,
वैसे तो मेरे देश का इतिहास बडा ही गोरवशाली है,
पर मेरे देश का इंसान कभी न बदला,
वो हमेशा ही हिन्दू,मुसलमान रहा,,,
~कुलदीप सभ्रवाल
Hello dosto! Aaj hum aapke liye ek bahut hi special aur heartfelt poem lekar aaye hain…
0 Comments