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हालात-ए-पंचायत चुनाव

हालात-ए-पंचायत चुनाव

◆ आप सभी पाठकगण को हमारे शिर्षक से मालूम हो ही गया होगा कि हम किस विषय कि तरफ आपका ध्यान आकर्षित कराने जा रहे है,
तो आईये हम बात करते है आने वाले पंचायत चुनाव के
बारे में..

-पहले तो हम आपको पंचायत चुनाव में उम्मीदवारी पेश करने के लिए जो जरूरी हिदायतें रखी गई है उनके बारे में थोड़ी जानकारी देना चाहेंगे..

◆पंचायत चुनाव लड़ने के लिए मुख्य रूप से पांच शर्तें पूरी करनी होंगी।

(1) प्रत्याशी कि चुनाव लड़ने की उम्र 21 वर्ष हो

(2) महिलाओं व एससी वर्ग के लिए शैक्षिक योग्यता 8वीं और बाकी सभी के लिए 10वीं पास होने चाहिए,

(3) घर में टॉयलेट होना चाहिए,

(4) सहकारी बैंक का लोन व बिजली बिल समेत सभी सरकारी जो लेन देन है वो क्लिर होना चाहिए,

(5) 10 सााल की सजा के प्रावधान वाले मामलों में उम्मीदवार पर कोई चाजर्शीट न हो,

★ पंच पद के लिए हिदायत में कुछ बदलाव देखने को मिला है!
एससी वर्ग की महिलाओं काे एक छूट दी गई है। 
5वीं पास दलित महिलाएं भी लड़ सकेंगी चुनाव।
राज्य सरकार के द्वारा 11 अगस्त को कैबिनेट मीटिंग में ये फैसले लिए गए थे।

◆पंचायत चुनाव वैसे तो हर पांच वर्ष में होते हैं,
मगर अब कि बार कोरोना महामारी के चलते इनके समय को आगे बड़ा दिया गया,
आगे भी कितना शायद दो वर्ष के लगभग समय हो गया है
और इन चुनावों को लेकर सरकार की मनोदशा अच्छी नहीं बताई जा रही थी,

ऐसी स्थिति में मननीय हाईकोर्ट को राज्यों कि सरकार के रवैये को देखते हुए ये आदेश देना पड़ा कि पंचायत चुनावों
कि कोई निश्चित तारीख कि सरकार घोषणा करे,
हाईकोर्ट का आदेश मिलते ही सरकार की आँखें खुली और चुनाव कराने को लेकर अपने-अपने हिसाब से समय निश्चित कर दिया गया,

◆ पंचायत चुनाव से आम जनता को कैसे लाभ होता है,

(1) हर गाँव-शहर के विकास के लिए ये चुनाव बेहद जरूरी होते हैं,

(2) इन चुनावों से प्रत्येक व्यक्ति को निजी सुविधाएं सरकार के द्वारा उपलब्ध करवाई जाती है,

जैसे:-हस्पताल, स्कूल, बच्चों के खेलने के लिए खेल का मैदान, पार्क, जिम,अच्छी सड़के व नाली, पिने के लिए स्वच्छ जल, गंदे पानी की निकासी, पशुओं के लिए घाट, बहार घुमने वाले पशुओं के लिए गौ साला,और गरीब लोगों के लिए मनरेगा योजना के तहत 100 दिन का काम,
हर गाँव-शहर में सफाई का जिम्मा भी सरपंच-पंच का ही होता है, बच्चों के लिए स्कूल में सभी प्रकार के सबजेक्ट के अध्यापकों कि देखरेख, पढ़ने के लिए लाईब्रेरी, फौज की भर्ती कि तैयारी के लिए दौडने का अच्छा ट्रैक, बस स्टैंड और बहार आने जाने के लिए बस कि सुविधा, नशीले पदार्थों से अपने बच्चों को दूर रखने के हर सम्भव कार्य,
और समय-समय पर गाँव की खुशहाली के लिए सभी को एक निश्चित स्थान पर बुलाकर सलहा मश्वरा करना आदि सभी कार्य इन पंचायत चुनावों के मुद्दे रहते है,

(3) पंचायत चुनाव से राजनीतिक ज्ञान होता है,

(4) प्रत्येक मुद्दे को बड़े स्तर पर उठाने का साहस मिलता है,

(5) हर व्यक्ति के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का एक मजबूत प्रयास किया जाता है सरकार के द्वारा,

◆ आप सभी को हमने ये पंचायत चुनाव से हर व्यक्ति को होने वाले लाभ के बारे में बताया है,

◆ आईय अब जानते है कैसे आजतक सरकार के द्वारा दिया जाने वाले करोड़ों रुपये से भी पंचायत,ब्लॉक,जिला परिषद आदि के होते हुए क्यों गाँव-शहरों का विकास नहो नहीं सका और ऐसा कब तक होता रहेगा,

(1) सबसे जरूरी लोगों का अपने अधिकारों के प्रति जागरूक न होना,

(2) शिक्षा के अभाव में,

(3) ऊंच-नीच जात-पात धार्मिक भेदभाव,

(4) एक-दुसरे कि शर्म से कुछ न बोलना,

(5) इकट्ठा होकर पंच या सरपंच के गलत कार्य करने पर भी आवाज न उठाना,

(6) नदी,नाले, सड़कों स्कूल, कॉलेज, हस्पतालो,खासकर मनरेगा योजना मे काम आदि के विकास के लिए कितना पैसा आया कहां खर्च हुआ आदि के बारे में कोई जानकारी न लेना,


◆ ये तो थी वो बातें जो हर व्यक्ति आज कल अच्छे से जानता है और जानने की कोशिश भी शायद करने लगा है,
अब हम आपको इनके अलावा और बहुत कुछ बताने जा रहे है जो आपके लिए जानना बेहद ही जरूरी होता जा रहा है,

(1) राज्य सरकार हर बार कितना बजट बनाती है
इन चुनावों को लेकर,
और कितना धन देती है प्रत्येक गाँव,शहर को कोई खोज खबर नहीं,

(2) आखिर आजतक क्यों नहीं हो सका अच्छे से विकास इन गांवों मोहल्लों का,

(3) इतना पैसा कहां जाता है और R.T.I लगाने के बाद पता चलने पर भी क्यों नहीं होती है कोई भी कार्यवाही,

(4) कैसे मिल जाता है इन भ्रष्टाचारी लोगों को किसी बड़े भ्रष्टाचारी नेता या अधिकारियों का सहारा, 

(5) आखिर कब तक चलता रहेगा ऐसा


◆ हाल ही में होने वाले चुनावों को लेकर कैसे और क्या-क्या खुबी देखकर आप अपने गाँव शहर को देश के जाने माने गाँव शहरों में कर सकते हैं शामिल,

★ ध्यान देने और गहन विचार करने योग्य बातें:-

(1) सबसे पहले उम्मीदवार के व्यवहार को देखे 
लोगों में मिलजुलकर रहने वाला है या नहीं,

(2) क्या उसकी मनसा है पंच या सरपंच बनने की?

(3) अगर उम्मीदवार पहले भी कुछ बना था तो क्या कार्य किये थे,
सरकार से मिलने वाला पैसा कब कहां और कैसे खर्च किया था,

(4) जातिगत या धर्म आदि को लेकर समाज में उसके विचार कैसे है,

(5) बैंक आदि में किसी भी प्रकार का कोई डिफाल्टर न हो,

(6) शिक्षा का स्तर क्या है समय आने पर गाँव या शहर के लिए किस रवैये से कार्य कर सकता है,

(7) संविधान और कानून की कहाँ तक समझ है,

(8) समाज के लिए पहले क्या किया है,

(9) उम्मीदवार का पंचायत कि जमीन पर किसी भी प्रकार का कोई आवेद कब्जा न हो,


-आदि सब बातों का आपको होने वाले चुनावों में ध्यान रखने की बेहद ज्यादा जरूरत है,आखिर कब तक ये समाज का शोषण करने वाले समाज के ठेकेदार भोले-भाले लोगों को लुट कर केन्द्र या राज्य सरकार को दोष देते रहेंगे,
अगर समाज का एक भी व्यक्ति इन सब बातों को लेकर जागरूक हो गया तो गाँव को शहर और शहर को बड़े शहर में बदलने से कोई नहीं रोक सकता,

◆राज्य सरकार को भी पंचायत चुनावों और इन चुनावों में हिस्सा लेने वाले उम्मीदवारों की थोड़ी बहुत छानबीन करने की बेहद ज्यादा जरूरत है,वरना ये ऐसे ही लुटते रहेंगे और हमारे इस प्यारे से देश का कभी विकास न होगा,हमारे नेता बड़े-बड़े मुद्दों में उलझे रहते हैं और ये समाज के शोषण कर्ता यूं ही समाज का शोषण करते रहते है,

★ कैसे एक विधायक अपने क्षेत्र को पिछली पंक्ति से अगली पंक्ति में ले जा सकता है,

-(कुछ विशेष सुझाव)

(1) प्रत्येक पंच-सरपंच ब्लॉक प्रधान कि महिने में एक बार मिटिंग ले,मिलने वाले पैसे का हिसाब लेकर,उनसे उनके कार्य का हिसाब ले,और फिर जनता से महिने में एक बार लिखित में क्या-क्या काम हुए हैं उनके बारे मे भी जानकारी हासिल करने कि कोशिश करें,

(2) मौका मिलने पर हस्पताल,स्कूल,सड़क,पिने के पानी की व्यवस्था आदि की खुद जांच करने का समय निकालने कि कोशिश करें,

(3) जो केन्द्र सरकार ने मनरेगा योजना के तहत लोगों को 100 दिन का रोजगार दिया है,
उनकी समय-समय पर जांच पडताल करवाने के निर्देश दे,
ताकि गडबड घोटालों का पता चल सके,

(4) जिन क्षेत्रों में स्कूल, कॉलेज, हस्पताल,I.T.I, नहीं है 
तो बनवाने के लिए हमेशा कार्यरत रहे,
आसपास कि जनता से इस बारे में उचित सलहा मश्वरा करने के बाद कोई सही निर्णय ले,

(5) कहीं पर भी आते-जाते अपने क्षेत्र का दौरा करते रहने से जनता में प्रेम भावना को बनाने कि कोशिश में हमेशा तत्पर रहे,

(6) अगर अपने क्षेत्र का कोई भी विधायक ज़रा सी भी हिम्मत इन सब मुद्दों को लेकर करता है तो गाँव,शहर को विकसित होने से कोई नहीं रोक सकता है,
मगर जब वो किसी पार्टी विशेष का नेता खुद ही भ्रष्टाचारी हो तो ऐसे कार्य करने में उसे कहाँ खुशी मिलती होगी,
वो तो सिर्फ अपने हित को सवारने मे हर समय लिप्त रहेगा,

◆ अब सवाल उठता है ऐसे नेता लोगों का एक आम आदमी कैसे कुछ कर सकता है,
और सवाल मन में आना भी लाजमी है क्योंकि गरीब जनता और गरीब बनती जा रही है और अमीरों की तो फिर बात हि क्या है,
जब तक उन्हें ऐसे नेता लोगों का सरक्षण मिलता रहेगा ये अंतर दिन-ब-दिन यूं ही बढ़ता रहेगा,
इसलिए अपने हक के लिए खुद को ही संविधानिक दायरे में रहकर लडना होगा,और जनता को जागरूक करना होगा, तब जाकर हम और हमारा समाज हमारा देश एक विकासशील से विकसित देश बन सकेगा अन्यथा यूं ही लोग सुख सुविधाओं की कमी में मरते रहेंगे,
और हमारा देश भुखमरी,बेरोजगारी, शिकार होकर सबसे पिछड़े हुए देशों में शामिल हो जायेगा!

सभी पाठकगणों से हमारा अनुरोध है हमारे इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें!

-लेखक कुलदीप सभ्रवाल


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