ए-मेरे खुदा
मेरी किस्मत के पन्नों को रिचैकिंग तू करना ज़रा,
मैं किसान का बेटा इसमें भला मेरा क्या है गुनाह,
क्यूँ हर जगह मिलती है लाठी और गोलियाँ,
ए-मेरे खुदा
मेरी किस्मत के पन्नों को रिचैकिंग तू करना ज़रा,
मेहनत का करते हैं,मेहनत का खाते हैं,
हर दुख, दर्द मे सबके काम आते हैं,
आके तू देख इक मरतबा,
ए-मेरे खुदा
मेरी किस्मत के पन्नों को रिचैकिंग तू करना ज़रा,
इस माट्टी मे जन्मे इस माट्टी मे मिल जायेंगे,
क्या मजदूर के बेटे मजदूर ही रह जायेंगे,
आकर तू एक बार मेरे इस द्वद का हल बता ए-शहनशाह,
ए-मेरे अल्ला,
मेरी किस्मत के पन्नों को रिचैकिंग तू करना ज़रा,
दिल मे है मेरे बेतहाशा तकलीफ,
किस किसकों सुनाऊं ए मेरे हबीब,
जो लिखा है किस्मत के पन्नों पर एक कोने में काटा
अब उसको तू हटादे ज़रा,
ए मेरे खुदा,
मेरी किस्मत के पन्नों को रिचैकिंग तू करना ज़रा,
~कुलदीप सभ्रवाल
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