Random Posts

किसान




किसान
पाटे कपडे भोली भाली सुरत अर सदियाँ त रहया है,
जिसका कच्चा मकान,
बस यही स यारों इसकी पिछाण, 
मेरे देश का किसान,

दिन देखता ना रात देखता,
धुप देखता ना छाव देखता,
कस्सी अर कसोले के कदे ना घाव देखता,
ईतणा स गुणवान,
मेरे देश का किसान,

भुखा रहणा इसने आव,
खेत खलिहाण न यो आपणी जान बताव,
अर कितणा भी हो चाहे इसने दुख,दर्द,
कदे किसे न ना बोल सुणाव,
ईतणा स यो बलवान,
मेरे देश का किसान,

सत्ता मै आण त पहला,
सब इनने बडे-बडे सपने दिखाव,
अर सत्ता मै आण कै बाद ये लाठी डंडे चलवाव,
कुछ कहता ना यो बेचारा,
है परेशान,
मेरे देश का किसान

लाखों महामारियां आई अर गई, 
भला या बात ना स नयी,
सत्ता धारी सत्ता स चलाव,
सबकी मजबूरी का ये फायदा उठाव,
खुद कि रेली न देश हित मै दिखाव,
अर हक जो मांगै उन प लाठी बरसाव,
देखकर हालात दीप थामने बताव,
किसान बिना यो देश बरबाद हो जाव,
फेर बण लियो थाम चाहे कितणे भी पहलवान,
मेरे देश का किसान,
बडा महान, बडा महान,
मेरे देश का किसान,

~कुलदीप सभ्रवाल

 

Post a Comment

0 Comments