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तेरे जाने के बाद

तेरे जाने के बाद


घर आंगन में कभी लोटी न खुशियाँ
तेरे जाने के बाद,

जो रहता था हरा भरा नीम का पेड़
उस पर कभी आई न पत्तियाँ 
तेरे जाने के बाद,

ख्वाब अब वो ख्वाब लगते नहीं
जो जागते रहते थे सारी-सारी रात 
अब जल्दी ही सो जाते हैं सबके सब
तेरे जाने के बाद,

फुर्सत किसे है अब 
खुद को सवारने कि 
पता नहीं क्यों बेजान से हुए जा रहे हैं सबके सब
तेरे जाने के बाद,

माना कि आना जाना लगा रहता हैं 
महफिलों मे हमारा
मगर अब वो मोज मस्ती कहाँ रह गई महफिलों मे 
तेरे जाने के बाद,

यादों के साये मे रह-रह कर 
छलकना सीख लिया है इन आँखों ने
जो कभी हाल-ए-तबीयत ब्यां कर देती थी
तेरे जाने से पहले,

दीप...3337



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