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महोब्बत करलूं


जिम्मेदारियों से लबा लब भरी है झोली मेरी,

अब तुम ही बताओं कैसे मैं महोब्बत करलू,,

दुख-सुख आते हैं और चले जाते हैं,

अब तुम ही बताओं 

कैसे इस बराबर रहते तराजू को 

एक तरफ भारी करलू,,

~कुलदीप सभ्रवाल



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